Dnyanpeeth Puraskar 2023:-
नुकतेच प्रसिद्ध उर्दू कवी व गीतकार ” गुलजार “ व संस्कृत विद्वान ” जगतगुरू रामभद्राचार्य “ यांना ज्ञानपीठ पुरस्कार (Dnyanpeeth Puraskar 2023) घोषित करण्यात आला आहे. त्यासबंधी घोषणा भारताची सर्वोच्च साहित्यिक निवड समिती ने केली आहे. हा पुरस्कार “गुलजार” व “रामभद्राचार्य” यांना 2023 या वर्षा साठी देण्यात आला आहे पण त्याची घोषणा 2024 मध्ये करण्यात आली आहे. हा पुरस्कार दुसऱ्यांदा संस्कृत भाषेकरिता व पाचव्यांदा उर्दू भाषेकरिता देण्यात आला आहे.
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गुलजार यांच्या विषयी थोडक्यात माहिती :-
गुलजार यांचे पूर्ण नाव ” संपूर्ण सिंह कालरा “ आसे आहे. त्यांचा जन्म 18 ऑगस्ट 1934 रोजी पंजाब मधील दीना येथे झाला. सध्या दीना हे ठिकाण पाकिस्तान मध्ये आहे. फाळणी नंतर त्यांचे कुटुंब अमृतसर येथे आले. गुलजार यांनी बंदिनी या चित्रपटासाठी लिहलेले गीत “मोरा अंग अंग लै ले, मुझे श्यामरंग दै दे” त्यावेळी खूप प्रसिद्ध झाले होते. त्यानंतर त्यांनी अनेक हिंदी चित्रपटासाठी गीतलेखन व दिग्दर्शनही केले आहे. गुलजार यांना त्यांच्या हिंदी चित्रपट सृष्टी मधील कामासाठी ओळखले जाते. गुलजार यांना या काळातील सर्वोत्तम उर्दू कवी मनून ओळखतात.
जगद्गुरू रामभद्राचार्य यांच्या विषयी थोडक्यात माहिती :-
“जगद्गुरू रामभद्राचार्य” यांचा जन्म 14 जानेवारी 1950 मध्ये उत्तर प्रदेश मधील जौनपुर जिल्ह्यातील संदिखुर्द या गावात झाला. त्यांचे पूर्वाश्रमीचे नाव गिरीधर मिश्र होय.जगद्गुरू रामभद्राचार्य दोन महिन्याचे असतांना त्यांची दृष्टी गेली तेंव्हापासून ते प्रज्ञाचक्षु आहेत. त्यांनी कधीही अभ्यासासाठी किंवा रचना करण्यासाठी ब्रेल लिपीचा वापर केला नाही. ते बहुभाषिक आहेत त्यांना 22 भाषा बोलता येतात.
23 ऑगस्ट 1996 रोजी स्वामी रामभद्राचार्य यांनी चित्रकूट येथे अंध विद्यार्थ्यांसाठी तुलसी प्रज्ञाचक्षू विद्यालयाची स्थापना केली. यानंतर त्यांनी केवळ दिव्यांग विद्यर्थ्यांच्या उच्च शिक्षणासाठी संस्था सुरू करण्याचा निर्णय घेतला. या उद्देशाने त्यांनी 27 सप्टेंबर 2001 रोजी चित्रकूट, उत्तर प्रदेश येथे जगद्गुरू रामभद्राचार्य अपंग विद्यापीठाची स्थापना केली. हे भारतातील आणि जगातील पहिले अपंग विद्यापीठ आहे. विद्यापीठाची स्थापना उत्तर प्रदेश सरकारच्या अध्यादेशाद्वारे करण्यात आली, ज्याचे नंतर उत्तर प्रदेश राज्य कायदा 32 (2001) मध्ये रूपांतर करण्यात आले. या कायद्याने स्वामी रामभद्राचार्य यांची विद्यापीठाचे आजीवन कुलगुरू म्हणून नियुक्ती केली गेली.
“रामभद्राचार्य” हे उत्तर प्रदेशमध्ये चित्रकुट येथे असलेल्या तुलसी पीठाचे संस्थापक आहेत. आध्यत्मिक प्रवचनामध्ये त्यांचे योगदान अद्वितीय आहे. “रामभद्राचार्य” प्रसिद्ध आध्यत्मिक शिक्षक व चार महाकाव्या सहित 240 पेक्षा अधिक पुस्तके व ग्रंथाचे लेखक आहेत.
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ज्ञानपीठ पुरस्कार स्वरूप व निकष :-
ज्ञानपीठ पुरस्कार हा भारतामधील सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार आहे. भारतीय साहित्य जगतात ज्ञानपीठ पुरस्काराला नोबेल पुरस्कारा एवढाच सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार समजला जातो. भारतीय संविधानातील आठव्या अनुसूची मध्ये असलेल्या बावीस भाषा व इंग्रजी एवढ्या भाषेपैकी कोणत्याही एका भाषे मध्ये लेखन करणाऱ्या भारतीय लेखकाला दरवर्षी हा पुरस्कार देण्यात येतो. पुस्तकाचे प्रकाशन होऊन 5 वर्ष झालेल्या पुस्तकाचाच या पुरस्कारासाठी विचार होतो. ज्या भाषेला पुरस्कार दिला आहे त्या भाषेचा त्यापुढील तीन वर्ष पुरस्कारासाठी विचार केला जात नाही.
ज्ञानपीठ पुरस्कारांतर्गत 11 लाख रु रोख,प्रशस्तीपत्र व ज्ञानाची देवी ” वाग्देवी ” ( सरस्वती ) ची कांस्य धातूची मूर्ती देण्यात येते. काही वेळी एका ऐवजी दोन साहित्यकाची पुरस्कारासाठी निवड होते त्यावेळी ही रक्कम विभागून दिली जाते. प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार मल्याळम भाषेचे लेखक जी शंकर कुरूप यांना त्यांच्या ओटक्कुषल या कविता संग्रहासाठी 1965 साली देण्यात आला होता.
ज्ञानपीठ पुरस्कार काही महत्वाचे :-
- प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार मल्याळम भाषेचे लेखक जी शंकर कुरूप यांना त्यांच्या ओटक्कुषल या कविता संग्रहासाठी 1965 साली देण्यात आला होता.
- इंग्रजी भाषेकरिता प्रथम व एकमेव ज्ञानपीठ पुरस्कार 2018 मध्ये अमिताव घोष यांना मिळाला आहे.
- आतापर्यंत सर्वात जास्त (10 वेळा ) ज्ञानपीठ पुरस्कार हिंदी भाषेकरिता देण्यात आले आहेत.
- कन्नड भाषेकरिता 8 वेळा ज्ञानपीठ पुरस्कार देण्यात आले आहेत.
- मराठी भाषेकरिता 4 वेळा ज्ञानपीठ पुरस्कार देण्यात आले आहेत.
Dnyanpeeth Puraskar List In Marathi:- ज्ञानपीठ पुरस्कार लिस्ट मराठी
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेते यादी :- 1965 ते 2023 | ||||
अनुक्रमांक | वर्ष | साहित्यिक नाव | भाषा | |
1) | 1965 (1st ) | जी. शंकर कुरूप | मल्याळम | |
2) | 1966 (2nd) | ताराशंकर बंधोपाध्याय | बंगाली | |
3) | 1967 (3rd) | उमाशंकर जोशी | गुजराती | |
4) | 1967 (3rd) | के. वी. पुत्तप्पा | कन्नड | |
5) | 1968 (4th ) | सुमित्रानंदन पंत | हिंदी | |
6) | 1969 (5th) | फिराक गोरखपुरी | उर्दू | |
7) | 1970 (6th) | विश्वनाथ सत्यनारायण | तेलुगू | |
8) | 1971(7th) | विष्णू डे | बंगाली | |
9) | 1972 (8th) | रामधारी सिंह दिनकर | हिंदी | |
10) | 1973 (9th) | दत्तात्रेय रामचंद्र बेंद्रे | कन्नड | |
11) | 1973 (9th) | गोपीनाथ मोहंती | उडिया | |
12) | 1974 (10th) | वि.स. खांडेकर | मराठी | |
13) | 1975 (11th) | पी. वी. अकीलानंदम | तमिळ | |
14) | 1976 (12th) | अशापुर्णा देवी | बंगाली | |
15) | 1977 (13th) | के.शिवराम कारंत | कन्नड | |
16) | 1978 (14th) | सच्चिदानंद वात्स्यायन | हिंदी | |
17) | 1979 (15th) | बिरेंद्र कुमार भट्टाचार्य | आसामी | |
18) | 1980 (16th) | एस. के. पोत्तेक्कत्त | मल्याळम | |
19) | 1981(17th) | अमृता प्रीतम | पंजाबी | |
20) | 1982 (18th) | महादेवी वर्मा | हिंदी | |
21) | 1983 (19th) | मस्ती वेंकटेश अय्यंगार | कन्नड | |
22) | 1984 (20th) | शिव शंकर पिल्लई | मल्याळम | |
23) | 1985 (21st) | पन्नालाल पटेल | गुजरात | |
24) | 1986 (22nd) | सच्चिदानंद रौतराई | उडिया | |
25) | 1987 (23rd) | विष्णू वामन शिरवाडकर (कुसुमाग्रज) | मराठी | |
26) | 1988 (24th) | डॉ. सी.नारायण रेड्डी | तेलुगू | |
27) | 1989 (25th) | कुर्तुलएन हैदर | उर्दू | |
28) | 1990 (26th) | विनायक कृष्णा गोकक | कन्नड | |
29) | 1991 (27th) | सुभाष मुखोपाध्याय | बंगाली | |
30) | 1992 (28th) | नरेश मेहता | हिंदी | |
31) | 1993 (29th) | सीताकांत महापात्र | उडिया | |
32) | 1994 (30th) | यू.आर.अनंतमूर्ती | कन्नड | |
33) | 1995 (31st) | एम. टी. वासुदेव नायर | मल्याळम | |
34) | 1996 (32nd) | महाश्वेता देवी | बंगाली | |
35) | 1997 (33rd) | अली सरदार जाफरी | उर्दू | |
36) | 1998 (34th) | गिरीश कर्नाड | कन्नड | |
37) | 1999 (35th) | निर्मल वर्मा | हिंदी | |
38) | 1999 (35th) | गुरदयाल सिंह | पंजाबी | |
39) | 2000 (36th) | इंदिरा गोस्वामी | आसामी | |
40) | 2001 (37th) | राजेंद्र केशवलाल शाह | गुजराती | |
41) | 2002 (38th) | दण्डपाणी जयकान्तन | तमिळ | |
42) | 2003 (39th) | गोविंद विनायक करंदीकर | मराठी | |
43) | 2004 (40th) | रहमान राही | कश्मीरी | |
44) | 2005 (41st) | कुंवर नारायण | हिंदी | |
45) | 2006 (42nd) | रवींद्र राजाराम केळेकर | कोंकणी | |
46) | 2006 (42nd) | सत्यव्रत शास्त्री | संस्कृत | |
47) | 2007 (43rd) | ओ. एन. व्ही कुरूप | मल्याळम | |
48) | 2008 (44th) | अखलाक मुहम्मद खान शहरयार | उर्दू | |
49) | 2009 (45th) | अमर कांत | हिंदी | |
50) | 2009 (45th) | श्रीलाल शुक्ल | हिंदी | |
51) | 2010 (46th) | चन्द्रशेखर कम्बार | कन्नड | |
52) | 2011 (47th) | प्रतिभा राय | उडिया | |
53) | 2012 (48th) | रावुरी भारद्वाज | तेलुगू | |
54) | 2013 (49th) | केदारनाथ सिंह | हिंदी | |
55) | 2014 (50th) | भालचंद्र वनाजी नेमाडे | मराठी | |
56) | 2015 (51st) | रघुवीर चौधरी | गुजराती | |
57) | 2016 (52nd) | शंख घोष | बंगाली | |
58) | 2017 (53rd) | कृष्णा सोबती | हिंदी | |
59) | 2018 (54th) | अमिताव घोष | इंग्रजी | |
60) | 2019 (55th) | अक्कितम अच्युतम नंबुद्री | मल्याळम | |
61) | 2021(56th) | नीलमणी फुकन | असामी | |
62) | 2022 (57th) | दामोदर मावजो | कोंकणी | |
63) | 2023 (58th) | जगतगुरू रामभद्राचार्य | संस्कृत | |
64) | 2023 (58th) | गुलजार | उर्दू |
भाषेनुसार पुरस्कार प्राप्तकर्ते :-
भाषेनुसार पुरस्कार प्राप्तकर्ते | ||
अनुक्रमांक | भाषा | पुरस्कार प्राप्तकर्ते संख्या |
1) | हिंदी | 10 |
2) | कन्नड | 8 |
3) | बंगाली | 6 |
4) | मल्याळम | 6 |
5) | उर्दू | 5 |
6) | मराठी | 4 |
7) | उडिया | 4 |
8) | गुजराती | 4 |
9) | तेलुगू | 3 |
10) | आसामी | 3 |
11) | तमिळ | 2 |
12) | पंजाबी | 2 |
13) | कोंकणी | 2 |
14) | संस्कृत | 2 |
15) | कश्मीरी | 1 |
16) | इंग्रजी | 1 |
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेते मराठी लेखक :-
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेते मराठी साहित्यिक | |||
अनुक्रमांक | साहित्यिकाचे नाव | साहित्य | वर्ष |
1) | वि.स. खांडेकर | ययाती | 1974 (10th) |
2) | विष्णू वामन शिरवाडकर (कुसुमाग्रज) | विशाखा (कवितासंगृह) | 1987 (23rd) |
3) | गोविंद विनायक करंदीकर | अष्टदर्शने | 2003 (39th) |
4) | भालचंद्र वनाजी नेमाडे | हिंदू एक समृद्ध अडगळ | 2014 (50th) |
ज्ञानपीठ पुरस्कार FAQs:-
► ज्ञानपीठ पुरस्कार मिळविणारी पहिली महिला कोण?
1976 मध्ये, बंगाली कादंबरीकार आशापूर्णा देवी हा पुरस्कार जिंकणारी पहिली महिला ठरली आणि 1965 मधील प्रथम प्रोतिश्रुती (द फर्स्ट प्रॉमिस) या कादंबरीसाठी त्यांना सन्मानित करण्यात आले.
► ज्ञानपीठ पुरस्कार जिंकणारे पहिले इंग्रजी भाषेतील लेखक कोण आहेत?
अमिताव घोष 2018 (54th)
► भारतामध्ये साहित्याचा सर्वोच्च पुरस्कार कोणता?
भारतामध्ये साहित्याचा सर्वोच्च पुरस्कार हा ज्ञानपीठ पुरस्कार आहे.
► ज्ञानपीठ पुरस्कार कोण देतो?
ज्ञानपीठ पुरस्कार हा भारतीय ज्ञानपीठ तर्फे दरवर्षी दिला जाणारा भारतीय साहित्यिक पुरस्कार आहे.
►अमिताव घोष यांच्या कोणत्या कादंबरीमुळे त्यांना साहित्य अकादमी पुरस्कार मिळाला?
अमिताव घोष यांना 1990 मध्ये त्यांच्या द शॅडो लाइन्स या पुस्तकासाठी साहित्य अकादमी पुरस्कार आणि 2007 मध्ये पद्मश्री त्यांच्या साहित्य आणि शिक्षण क्षेत्रातील सेवांसाठी प्रदान करण्यात आला.
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